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जानिये वृश्चिक राशि (Vrischik Rashi) के बारे मे

जानिये वृश्चिक राशि (Vrischik Rashi) के बारे मे

वृश्चिक राशि एक परिचय

यह राशिचक्र में आठवीं राशि है। यह भचक्र में 210-240 अंश में स्थित होती है। यह राशि विशाखा के चतुर्थ चरण और अनुराधा एवं ज्येष्ठा के संपूर्ण चरणों से निर्मित होती है। यह सवा दो नक्षत्र चरणों के योग से कांतिवृत्त में स्थित है। यह कालपुरुष की जांघों को संकेतित करती है। क्रांतिवृत्त में यह बिच्छू की तरह प्रतीत होती है, जो डंक मारने के लिए तैयार है, इसलिए इसे वृश्चिक राशि कहा जाता है। इसके स्वामी ग्रह मंगल हैं। यह स्थिर राशि है और कफ प्रकृति से युक्त, जल तत्व प्रधान तथा रजोगुण से युक्त होती है। यह एक सम राशि है और उत्तर दिशा की स्वामिनी है। दिन के समय यह बलशालिनी होती है। ब्राह्मण जाति से संबंध रखने वाली, इसका रंग तामिया होता है। इसके अलावा बैंगनी, लाल, हरे और नीले रंग भी इसके लिए शुभ माने जाते हैं। इस राशि में केतु ग्रह उच्च का होता है और चंद्रमा नीच का होता है। यह शीर्षोदय राशि एवं स्त्रीलिंगी होती है।

वृश्चिक की शारीरिक संरचना

इस राशि के जातकों की शारीरिक संरचना सुंदर और सुदृढ़ होती है तथा ये आकर्षक मुखाकृति से युक्त होते हैं। इनका बड़ा मस्तक और खूबसूरत भौहें होती हैं। ताकतवर शरीर वाले ये लंबे और मध्यम कद के गठीले बदन के होते हैं। आंखों में चमक और सुंदरता होती है, ठोड़ी उभरी होती है, और नाक लंबी व फैली हुई होती है। इनके सिर के बाल काले और घने होते हैं। हालांकि, यदि लग्न पर पाप ग्रह का प्रभाव हो, तो इनके लक्षणों में भिन्नता हो सकती है। इस राशि की स्त्रियां भी खूबसूरत होती हैं।

वृश्चिक राशि एवं स्वभाव

इस राशि के जातक स्वाभाविक रूप से उदार, साहसी और आत्मविश्वासी होते हैं। सच्चाई और ईमानदारी के लिए अपने हितों को भी त्याग देते हैं। मेहनती होते हैं और स्पष्टवादिता रखते हैं। परोपकार करने की इच्छा रखते हैं और उन्हें विरोध सहन नहीं होता। कोई विरोध करे, तो ये जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं। ये डरते नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी इनका व्यवहार अटपटा होता है। ये दूसरों की बातों में बीच में बोलना पसंद नहीं करते। स्वयं को ऊर्जावान मानते हैं और कभी-कभी निरंकुश हो जाते हैं। विपरीत लिंग के प्रति कामुकता का भाव रखते हैं।

वृश्चिक राशि एवं स्वास्थ्य

इस राशि के जातकों की सेहत अच्छी और चुस्त रहती है। ये शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के बल से सम्पन्न होते हैं। हालांकि, राशि स्वामी या लग्न के पाप ग्रह से प्रभावित होने पर इन्हें रक्त विकार, रक्तचाप, पेट व रीढ़ के भागों में दर्द, आंतों में सूजन व मूत्र रोगों की संभावनाएं रहती हैं। महिलाओं में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है, जिससे मानसिक विकार उत्पन्न होते हैं।

वृश्चिक राशि व्यवसाय एवं करियर

इस राशि के जातक कार्यकुशल, समाज को प्रेरित करने वाले और पराक्रमी होते हैं। सैन्य और सुरक्षा क्षेत्र में ये अच्छे सैनिक व शासक होते हैं। ये खेल, मनोरंजन, नृत्य, कला, फिल्म, संगीत, वस्त्राभूषण, चिकित्सा, भूमि क्रय-विक्रय व निर्माण के कार्यों में सफलता पाते हैं। ये कुशल न्यायाधीश, चालाक गुप्तचर, सरकारी कर्मचारी, बैंक व बीमा कर्मी भी होते हैं।

वृश्चिक राशि प्रेम एवं संबंध

इस राशि के जातक अपने रिश्तों के प्रति भावुक होते हैं। अपने गुरुजनों और माता-पिता की चिंता करते हैं और उन्हें सम्मान देने की इच्छा रखते हैं। प्रेम संबंधों में ये अधिक कामुक होते हैं और अपने साथी को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। किन्तु छोटी बातों पर गुस्सा कर सकते हैं। यदि राशि के स्वामी पर पाप ग्रह का प्रभाव हो, तो वे साथी के प्रति हिंसात्मक हो सकते हैं।

वृश्चिक राशि के सकारात्मक पहलू

वृश्चिक राशि के जातक तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी, बुद्धिमान, कला प्रेमी और उच्च कोटि के वक्ता होते हैं। ये साहसी, विनम्र, दयालु, आत्मविश्वासी और उच्च विचार रखने वाले होते हैं। ये खेल, मनोरंजन में रुचि रखते हैं और शान-शौकत के प्रेमी होते हैं। गुप्त कार्यों में रुचि और वफादारी इनकी विशेषताएं होती हैं।

वृश्चिक राशि के नकारात्मक पहलू

श्चिक राशि के जातक एकांतप्रिय, स्वार्थी और अपने लक्ष्य पर केंद्रित होते हैं। ये उग्र स्वभाव के, अत्यधिक खर्चीले और अहंकारी हो सकते हैं। अपने प्रतिशोध की भावना में जलने वाले, कभी-कभी अधीनस्थों पर अत्याचार करने वाले होते हैं। ये अविश्वासी और संदेहशील होते हैं, जिससे अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं।

वृश्चिक राशि विशेष सुझाव

इस राशि के जातकों को अपने कार्य और व्यवसाय में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। समाज, राजनीति और परिवार में अनावश्यक क्रोध से बचना चाहिए। किसी को उत्तेजित होकर अप्रिय शब्द न कहें और गंभीर मामलों को समझदारी से संभालें। अपने समय का सदुपयोग करें और लक्ष्यों को प्राप्त करने में सावधानी बरतें। संशय होने पर किसी अनुभवी से सलाह लें और आशान्वित रहें।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण

इस राशि के लिए शुभ अंक 4, 8, 9, और 12 हैं। शुभ रंग तामिया, बैंगनी, लाल, हरा और नीला है। शुभ दिन मंगलवार है। मित्र राशियां कर्क, मीन और सिंह हैं। शुभ वर्ष 24, 25, 28, 32, 36, और 44 हैं। शुभ रत्न मूंगा है। शुभ धातु तांबा और शुभ फूल गुलाबी, सुनहरे, पीले और नीले हैं। शुभ फल पीले, लाल, नारंगी और गुलाबी होते हैं।


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