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जानिये धनु राशि (Dhanu Rashi) के बारे मे

जानिये धनु राशि (Dhanu Rashi) के बारे मे

धनु राशि का परिचय

धनु राशि राशिचक्र की नवीं राशि है, जो भचक्र में 240-270 अंश में स्थित है। यह राशि मूला और पूर्वाषाढ़ा के सम्पूर्ण चरणों और उत्तराषाढ़ा के प्रथम चरण से निर्मित होती है। सवा दो नक्षत्र चरणों के योग से यह कांतिवृत्त में स्थित है और कालपुरुष के घुटनों का संकेत करती है। क्रांतिवृत्त में यह धनुष पर वाण खींचते हुए मानव और अश्व की आकृति में प्रकट होती है, जिससे इसे धनु राशि कहा जाता है। इसके स्वामी ग्रह श्री गुरु हैं। यह एक द्विस्वभाव राशि है, पित्त प्रकृति, अग्नि तत्व और सतगुण से युक्त होती है। यह विषम राशि, पूर्व दिशा की स्वामिनी, रात में बलशाली, क्षत्रिय जाति की मानी जाती है। इसका रंग पीला है, और इस राशि से जुड़े नीले, गहरे नीले, पीले, काले, आसमानी और नारंगी रंग भी हैं। इस राशि में गुरु ग्रह उच्च और मंगल नीच के होते हैं। यह पृष्ठोदय और पुरुष लिंगी राशि होती है।

धनु की शारीरिक संरचना

इस राशि के जातक और जातिकाएं खूबसूरत और बलिष्ठ शारीरिक बनावट के होते हैं। इनके शरीर का आकार बड़ा होता है, आंखें कुछ लालिमा लिए हुए और चौड़ा मस्तक होता है। इनके कान बड़े, बाल हल्के काले, भौहें सुंदर, दांतों की पंक्ति आकर्षक, नाक बड़ी, और होंठ मोटे होते हैं। अगर राशि स्वामी पाप ग्रह युक्त हो और लग्न भी पाप ग्रही हो, तो इन लक्षणों में विकृति हो सकती है। इस राशि के जातक बुद्धिमान और सुन्दर नेत्रों वाले होते हैं, लेकिन पुरुषों में गंजेपन की प्रवृत्ति होती है।

धनु राशि का स्वभाव

इस राशि के जातक और जातिकाएं कोमल हृदय वाले होते हैं और समाज कल्याण के प्रति जागरूक रहते हैं। ये अध्ययन व अध्यापन को प्रोत्साहित करते हैं, धैर्यवान और गंभीर स्वभाव के होते हैं। वात्सल्य व करूणा से पूरित, ये धार्मिक कार्यों के प्रति संवेदनशील और उत्साही होते हैं। दूसरों के हाव-भाव और विचारों का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम होते हैं। हालांकि कभी-कभी दोहरी बातें करते हैं, जो राशि के स्वभाव का प्रभाव है। कार्यों में कुछ सुस्त होते हैं, जल्दी गुस्सा नहीं करते लेकिन क्रोधित होने पर उत्तेजित हो जाते हैं। ये अपने विवेक और मेहनत से सफल होते हैं।

धनु राशि का स्वास्थ्य

इस राशि के जातक और जातिकाएं आम तौर पर पुष्ट और स्वस्थ होते हैं, जिससे कार्य और व्यवसाय में ऊर्जावान रहते हैं। ये अपने कार्य में मेहनत करते हैं। लेकिन अगर संबंधित भाव में पीड़ित ग्रह हो, तो चर्म रोग, नेत्र संबंधी समस्याएं, रक्तचाप, हार्निया, पीठ व कमर दर्द, मधुमेह, पेट में कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बड़े कद और वजन के कारण कभी-कभी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

धनु राशि का व्यवसाय और करियर

इस राशि के जातक और जातिकाएं अपने कार्य को उच्च पायदान पर ले जाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। ये अच्छे वक्ता, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक कार्यों में निपुण, और सलाहकार होते हैं। ये नेता, वकील, लेखक, व्यापारी, डॉक्टर, बैंक कर्मचारी, शिक्षक, व्यवस्थापक, गुप्तचर, यात्रा और रेल संबंधी कामों में सफल रहते हैं। ये अनाजों और मिठाइयों के विक्रेता भी होते हैं।

धनु राशि का प्रेम और संबंध

इस राशि के जातक और जातिकाएं अपने घर को चलाने में कुशल होते हैं। माता-पिता और गुरुजनों का आदर करते हैं और अच्छे गृहस्थी होते हैं। प्रेम संबंधों में पहले उत्सुक और बाद में संयमी होते हैं। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होते हैं, लेकिन लोक-लाज के कारण संयम बरतते हैं। ये संबंधों के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखते हैं।

धनु राशि के सकारात्मक पहलू

इस राशि के जातक समाज के प्रति समर्पित होते हैं। ये तार्किक, साहसी, पराक्रमी, अध्ययनशील, परोपकारी, उदार और निडर होते हैं। संकट के समय में धैर्यवान रहते हैं। संयमी और सेहत का ध्यान रखने वाले होते हैं। ये उच्चकोटि के ज्ञाता, ईमानदार, और भरोसेमंद होते हैं।

धनु राशि के नकारात्मक पहलू

इस राशि के जातक आलोचक, हठी और अपनी बात मनवाने के प्रयास में रहते हैं। अंधविश्वासी, नियमप्रिय, धार्मिक और उत्साही होते हैं। अधिक बोलने वाले और अपने मतलब की बातें सुनने वाले होते हैं। ये बहुव्ययी, आराम पसंद और अत्यधिक सफाई पसंद होते हैं। चिंतनशील, संस्कारों के प्रति संवेदनशील, और विरोधियों के प्रति कठोर रहते हैं।

धनु राशि के विशेष सुझाव

इस राशि के जातकों को अपने कार्य और व्यवसाय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अनावश्यक मामलों में हस्तक्षेप से बचें, और सोच-समझ कर बोलें। गुस्से और उत्तेजना से दूर रहें। आत्मविश्वास अधिक न बढ़ाएं ताकि वह अहंकार न लगे। निर्णय लेने में विचार-विमर्श से काम लें।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण

इस राशि के शुभ अंक 3, 5, 7, 9 हैं। शुभ रंग पीला और नीला है। शुभ दिन गुरुवार, मित्र राशियां मेष और सिंह हैं। शुभ वर्ष 18, 37 हैं। शुभ रत्न पुखराज, शुभ धातु सोना है। शुभ फूल सुनहरे, पीले और नीले होते हैं। शुभ फल पीले, लाल, नारंगी, गुलाबी होते हैं। शुभ वस्त्र पीले, नीले, गुलाबी होते हैं। शुभ अनाज पीले और गुलाबी रंग के होते हैं।

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