जानिये तुला राशि (Tula Rashi) के बारे मे
तुला राशि एक परिचय
यह राशि राशिचक्र में सातवीं है और भचक्र में 180-210 अंश में स्थित रहती है। यह चित्रा के दो चरणों, स्वाती के सम्पूर्ण चरणों और विशाखा के तीन चरणों से मिलकर बनी होती है। सवा दो नक्षत्र चरणों के योग से कांतिवृत्त में स्थित यह राशि काल पुरूष के गुप्तांगों का संकेत देती है। क्रांतिवृत्त में यह तराजू लिए हुए पुरूष के रूप में दिखाई देती है, जिससे इसे तुला राशि कहा जाता है। इसके स्वामी ग्रह श्री शुक्र हैं। यह चर राशि है, त्रिधातु की प्रकृति से युक्त, वायु तत्व की और रजोगुण वाली होती है। यह विषम राशि है और पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। यह दिन में बलशाली होती है, शूद्र जाति की मानी जाती है, और इसका रंग नीला होता है। इसके अलावा हल्के नीले और गुलाबी रंगों से भी इसका संबंध है। इस राशि में श्री शनि उच्च के और श्री सूर्य नीच के होते हैं। यह शीर्षोदय और पुरूष लिंगी राशि है।
तुला की शारीरिक संरचना
इस राशि के जातक और जातिकाओं की शारीरिक रचना सुडौल, सुंदर और आकर्षक होती है। चेहरा देखने में अच्छा होता है, माथा ऊँचा और भौहें सुंदर होती हैं। ये लोग मध्यम और लंबे दोनों कद के हो सकते हैं। शरीर प्रारंभ में पतला और बाद में मोटा होता है। ये पुष्ट और बलिष्ठ होते हैं, पर जैसे-जैसे प्रौढ़ होते हैं, सिर के बाल झड़ने लगते हैं। इनकी नाक मोटी और दांतों में विरलता होती है। यदि लग्न में पाप ग्रह हों और लग्नेश का पाप ग्रहों से संबंध हो, तो शारीरिक लक्षण इन कथनों के विपरीत और मध्यम फल देने वाले सिद्ध होते हैं।
तुला राशि एवं स्वभाव
इस राशि के जातक और जातिकाएं अपने कार्य व व्यापार में कुशल होते हैं और उन्हें सफलता तक पहुंचाने में लगे रहते हैं। ये लोग दयालु, परोपकारी, न्यायप्रिय और ईमानदार होते हैं। ये अपने कार्य के प्रति सजग और कर्मठ होते हैं, और निर्णय लेने से पहले सभी बिंदुओं पर विचार करते हैं। मिलनसार, व्यवहारिक और कल्पनाशील होते हैं। इनके मित्र अधिक होते हैं और ये कला, संगीत और साहित्य के प्रेमी होते हैं। बार-बार योजनाओं में बदलाव, क्रोधी और साहसी भी होते हैं। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण स्वाभाविक रूप से इनकी प्रकृति में होता है।
तुला राशि एवं स्वास्थ्य
इस राशि के जातक और जातिकाओं का स्वास्थ्य सामान्यतः उत्तम रहता है। ये सुंदर और पराक्रमी होते हैं। यदि इनके लग्नगत ग्रह पीड़ित हों या पाप ग्रहों से संबंध हो, तो ये गुप्तांगों के रोग, मधुमेह, रक्तचाप, बहुमूत्र के रोग, सिरदर्द, चक्कर आना और भूख में कमी जैसी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। मेरूदंड संबंधी विकार और दर्द भी इनको परेशान कर सकते हैं। तुला राशि की महिलाओं को गर्भाशय और अंडाशय के रोगों की आशंका भी होती है। उचित चिकित्सीय परामर्श लें।
तुला राशि व्यवसाय एवं करियर
इस राशि के जातक और जातिकाएं उत्पादन और विक्रय के कार्यों में सक्रिय और उत्साहित रहते हैं। ये कुशल व्यापारी, परामर्शदाता, लेखक, चिकित्सक, उच्चाकांक्षी, वस्त्राभूषण निर्माता और विक्रेता, नेता, अभिनेता और कलात्मक कार्यों में रुचि रखने वाले होते हैं। ये लंबी यात्राएं करते हैं और दूर देशों तक काम के लिए जाते हैं। ये टेलीविजन सामग्री, ज्योतिष, कानून, विज्ञान और बेकरी आदि से संबंधित कार्यों में भी शामिल होते हैं।
तुला राशि प्रेम एवं संबंध
इस राशि के जातक और जातिकाएं परिवार को साथ लेकर चलने में तत्पर रहते हैं। ये माता-पिता की सेवा और सम्मान करते हैं, गुरुभक्त होते हैं, और धार्मिक कार्यों में रुचि रखते हैं। ये विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होते हैं और प्रेम संबंधों में साथी को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। कभी-कभी संबंधों में भटकाव और संदेह की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पाप ग्रहों के प्रभाव से संबंधों में अहंकार का भी प्रभाव होता है।
तुला राशि के सकारात्मक पहलू
इस राशि के जातक और जातिकाएं दयालु, न्यायप्रिय, कला-कौशल में निपुण, संगीत और नृत्य में रुचि रखने वाले होते हैं। ये व्यवहार कुशल, आस्थावान, शिक्षित और राजसी जीवनशैली पसंद करने वाले होते हैं। ये अधिक धन और वैभव जुटाने के प्रयास में रहते हैं। स्पष्ट वक्ता और विद्युत सामग्री के उत्पादक भी होते हैं। कभी-कभी हठधर्मिता के कारण अपने ही नुकसान का कारण बन जाते हैं। ये विषयों का विश्लेषण करने और न्यायिक मामलों में निपुण होते हैं।
तुला राशि के नकारात्मक पहलू
इस राशि के जातक और जातिकाएं अधिक हठधर्मी और क्रोधी होते हैं, जिससे बड़े नुकसान की संभावना रहती है। ये अपने आप पर अधिक विश्वास करने वाले, अधिक धन व्यय करने वाले और अधिक बोलने वाले होते हैं। ये कामुक प्रवृत्ति के होते हैं और अपने लाभ को ध्यान में रखकर कार्य करते हैं। यदि ग्रह पीड़ित हों तो हार्निया और गुर्दे के रोगों से परेशान रहते हैं। ये दूसरों पर अधिक ध्यान देते हैं और शान-शौकत में अधिक खर्च करते हैं।
तुला राशि विशेष सुझाव
इस राशि के जातक और जातिकाओं को किसी बात में हठधर्मिता करने से पहले संपूर्ण बात समझनी चाहिए, अन्यथा हानि हो सकती है। उचित-अनुचित का विचार करके ही निर्णय लें, जिससे हानि से बचा जा सके। साझेदार की नीति को समझकर ही कदम बढ़ाएं और अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखें। अनावश्यक विवादों और यात्रा के पहले उसके उद्देश्य पर विचार करें। किसी भी द्विधा की स्थिति में सही सलाह अपने शुभचिंतकों और प्रबुद्ध जनों से लें।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
इस राशि के लिए शुभ अंक 1, 3, 7, और 11 हैं। शुभ रंग नीला और हल्का नीला तथा गुलाबी है। शुभ दिन शुक्रवार है। मित्र राशियां मिथुन और कुंभ हैं। शुभ वर्ष 18, 27, 28, और 42 हैं। शुभ रत्न हीरा है, और शुभ धातु चांदी। नीले, गुलाबी और सफेद फूल शुभ माने जाते हैं। सफेद और गुलाबी वस्त्र पहनना शुभ होता है, और सफेद रंग के अनाज, जैसे चावल, भी इस राशि के लिए शुभ माने जाते हैं।
आज का तुला राशि दैनिक राशिफल (Tula Rashi Dainik Rashifal) (4 दिसंबर 2024)
Read More
तुला राशि साप्ताहिक राशिफल (Tula Rashi Saptahik Rashifal) (2 दिसंबर 2024 से 8 दिसंबर 2024)
2 दिसंबर 2024 से 8 दिसंबर 2024: इस सप्ताह आपके कार्यों और व्यवहारों को लेकर किसी संस्था द्वारा पुरस्कृत किए जाने की संभाव
Read More
तुला राशि मासिक राशिफल (Tula Rashi Masik Rashifal) (दिसंबर 2024)
दिसंबर में करियर और व्यापार में प्रगति की तत्परता रहेगी। हालांकि, शुरुआती दौर में कुछ कठिनाइयों का साम
Read More
2025 तुला राशि वार्षिक राशिफल (Tula Rashi Varshik Rashifal) (2025)
Read More
2025 तुला राशि कैरियर (Tula Rashi) वार्षिक राशिफल
2025 तुला राशि (Tula Rashi) वित्तीय राशिफल
2025 तुला राशि (Tula Rashi) प्रेम एवं संबंध वार्षिक राशिफल
2025 तुला राशि (Tula Rashi) स्वास्थ्य वार्षिक राशिफल
2025 तुला राशि (Tula Rashi) शिक्षा वार्षिक राशिफल
2025 तुला राशि (Tula Rashi) उपयोगी उपाय
तुला राशि (Tula Rashi) की सम्पूर्ण जानकारियाँ
तुला राशि के जातकों के लिए वर्ष 2025 विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष, हम आपको कैरियर एवं व्यापार राशिफल के माध्यम से बताएंगे
Read More