विविध लेख – व्रत, पर्व, त्यौहार, पूजा, अनुष्ठान आदि
विजयादशमी या दशहरा
विजयादशमी या दशहरा
यह परम पुनीत पर्व हिन्दू धर्म में अधर्म के नाश एवं असत्य पर सत्य के विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रति वर्ष जनमानस में सत्य, दया, पे्रम, उमंग, उत्साह को भरने तथा प्रत्येक बुराई एवं अधर्म से लड़ने का बहुत ही उत्कृष्ट
Read More ..जीवित्पुत्रिका व्रत
जीवित्पुत्रिका व्रत
यह व्रत हिन्दू धर्म में प्रत्येक घर में संतान की रक्षा एवं सुरक्षा हेतु किया जाता है। जिसके पुण्य प्रभाव से व्रती साधक को अत्यंत पुण्य राशि मिलती है। और उसके कुल धर्म एवं संतान की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो पाती है। ऐसे कोई संकट या
Read More ..अनंत चतुर्दशी व्रत
अनंत चतुर्दशी व्रत
यह हमारे व्रत एवं पर्व का बेहद पवित्र सोपान है। जो युग युगान्तरों से अविरल स्वच्छ नदी की तरह लोगों के लिये वरदान है। जहाँ प्रत्येक पिपासा से युक्त व्यक्ति को शांति मिलती है। ऐसा सुखद अनुभव एवं शांति जिसे
Read More ..पद्मा एकादशी व्रत
पद्मा एकादशी व्रत
यह व्रत मानव जीवन के मद एवं उसके अहंकार रूपी शत्रुओं का दमन करने वाला तथा उसे यथार्थ का ज्ञान कराने वाला होता है। क्योंकि अहंकार व अज्ञानता के तिमिर में डूबे हुये मनुष्य का पतन होने लगता है। और उसके
Read More ..संतान सप्तमी व्रत
संतान सप्तमी व्रत
यह व्रत दाम्पत्य जीवन के आंगन को सुखद बनाने के लिये प्रति वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है। जिससे उनके संतान की अल्पमृत्यु से रक्षा हो सके। वह जीवन पथ पर आगे बढ़ते हुये अपने संतान की सुख
Read More ..सूर्य षष्ठी व्रत
सूर्य षष्ठी व्रत
यह भगवान सूर्य देव एवं छठ मैया के निमित्त मनाया जाने वाला बड़ा ही पुण्यफल देने वाला विशाल हिन्दू धर्म का व्रत एवं पर्व है। जो प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी एवं चैत्र शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। यह मुख्यरूप से बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश
Read More ..श्री ऋषि पंचमी व्रत
श्री ऋषि पंचमी व्रत
यह व्रत ऋषियों की प्रसन्नता प्राप्त करने तथा जीवन में सुचिता को बढ़ाने तथा नियम संयम के पालन की श्रृंखलाओं से जुड़ा हुआ है। जिसके प्रभाव से अशुद्धता से उत्पन्न पाप एवं रोगों का विनाश हो जाता है। धर्म शास्त्रों मे वर्णन है।
Read More ..श्री गणेश चतुर्थी व्रत
श्री गणेश चतुर्थी व्रत
यह व्रत भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न रखने तथा वांछित कामनाओं के सिद्धि करने के उद्देश्य से किया जाता है। चतुर्थी तिथि गणपति भगवान को बहुत ही प्रिय है। जिस कारण वह इस व्रत के व्रती को सुख-समृद्धि एवं धन
Read More ..कलंक चतुर्थी व्रत
कलंक चतुर्थी व्रत
यह व्रत व्यक्ति के अनेक अनिष्टों को दूर करने वाला बहुत ही प्रभावशाली एवं पुण्यफल प्रदाता है। जिसके प्रभाव से वह जीवन में कई ऐसे कंलकों एवं घटनाओं से बच सकता है। जिसकी वजह से
Read More ..हरितालिका तीज व्रत
हरितालिका तीज व्रत
यह व्रत हिन्दू धर्म का परम पुनीत एवं सुख सौभाग्य का दाता व्रत है। जो इस धर्म एवं पुण्य भूमि को और ही सुगम बना रहा है। जिसके प्रभाव से व्रती स्त्री पुरूषों को वांछित सुख एवं सौभाग्य का लाभ प्राप्त होता है। यहाँ पतित पावन गंगा
Read More ..अजा एकादशी व्रत
अजा एकादशी व्रत
यह व्रत अपने आप में बहुत पुण्यफल प्रदाता एवं जीवन के भंयकर कष्टों से छुटकारा दिलाने की शक्ति रखता है। इस एकादशी के व्रत को भक्त जन बड़े ही श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करते हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण तथा शुक्ल पक्ष में कुल मिलाक
Read More ..श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
यह पर्व ईश्वर की सत्ता एवं धर्म की नींव को पुष्ट करने वाला अत्यंत पवित्र एवं सत्य के प्रति जीवन को प्रेरित करने वाला महान धार्मिक पथ है। जो अधर्म एवं अहंकार को चकना चूर करके। धरती पर बढ़ते हुये पापियों के नाश एवं
Read More ..रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
यह हमारे धार्मिक पर्वो का उच्च सोपान है। जो असीम मानवता दया, धर्म, दान तथा सहयोग एवं प्यार तथा संबंध एवं समाजिक सरोकारों को उच्च शिखर पर ले जाने का बड़ा सशक्त माध्यम है। यह एक विशाल पर्व के रूप में उत्कृष्ट जीवन
Read More ..भौम प्रदोष व्रत
भौम प्रदोष व्रत
भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव एवं भगवान हनुमान जी की कृपा प्रसाद पाने के लिये किया जाता है। यह व्रत की महत्वपूर्ण श्रृंखला से जुड़ा हुआ अत्यंत पुनीत व्रत है। जिसके पुण्य प्रभाव से व्यक्ति के दुःख दारिद्रों का नाश हो जाता तथा पुण्यों
Read More ..नाग पंचमी व्रत
नाग पंचमी व्रत
यह हमारे संस्कृति के सोपानों का बड़ा अनूठा पर्व है। जो परोपकार, कल्याण की भावना को बाखूब प्रस्तुत कर है, इस धरती पर प्रत्येक जीव चाहे वह मानव के लिये कितना भी घातक हो पर उसे संरक्षित एवं सुरक्षित
Read More ..हल षष्ठी व्रत
हल षष्ठी व्रत
यह व्रत मातृत्व सुख एवं संतान को पोषित करने वाला होता है। इसे विविध नामों से स्थान एवं भाषा भेद के अनुसार जाना है। जैसे ललही छठ, तिन छठ, कमर या खमर आदि छठ के नामों से भी जाना जाता है। जिससे उत्साहित होकर
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