विविध लेख – व्रत, पर्व, त्यौहार, पूजा, अनुष्ठान आदि
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नृसिंह जयंती
नृसिंह जयंती
भगवान नृसिंह का अवतार धर्म की रक्षा एवं अधर्म के विनाश के लिये हुआ था। क्योंकि अधर्म एवं अनीत के बढ़ते बवन्डर को मिटाने की शक्ति सिर्फ भगवान विष्णू एवं उनके अवतरों में समाहित है। दया निधि एवं कृपा सिंधू
Read More ..छिन्नमस्ता जयंती
छिन्नमस्ता जयंती
हिन्दू धर्म में देवी एवं देवताओं के अवतारों के पीछे अनेकों कथा संवाद जुड़े हुये हैं। जिसमें माँ छिन्नमस्ता के संदर्भों में भी बड़ी ही रोचक कथायें प्राप्त होती है। इनकी जयन्ती यानी इस रूप के अवतरण को प्रतिवर्ष वैशाख
Read More ..जानकी भगवती जयंती
जानकी भगवती जयंती
भारत की धरती को पवित्र करने एवं अधर्म तथा पाप के विनाश के लिये हिन्दू धर्म में देवी देवताओं के परम अवतारों की गाथायें धर्म ग्रन्थों में प्राप्त होती है। भगवती जानकी के जन्म से जुड़ी धर्म शास्त्रों में अनेकों घटनायें है
Read More ..बगलामुखी जयंती
बगलामुखी जयंती
इस पृथ्वी में आये हुये संकटों एवं देव समूहों के द्वारा उसे टालने और त्रिकोली को सुरक्षित रखने और उसे नष्ट होने से बचाने के लिये अनेकों बार उन्हें भनायक उत्पातों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सम्पूर्ण देव समूह जब उन्हें
Read More ..गंगा जयंती
गंगा जयंती
हिन्दू धर्म की प्राण एवं मोक्ष दायनी माँ गंगा की जयंती का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह जयंती मां गंगा के धरती पर अवतरण के संबंध में प्रतिवर्ष वैषाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि में मनाई जाती
Read More ..रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती
रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती
साहित्य एवं संगीत तथा नाटक में महारथ हासिल करने वाले तथा अनेकों ऐसे निबंध तथा रचनाओं को रचने वाले पहुंचे हुये कलाकार राष्ट्रगान के रचयिता रवीन्द्र नाथ टैगोर की जयंती को प्रतिवर्ष बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
Read More ..माँ दुर्गा के नौ रूपों की महिमा
माँ दुर्गा के नौ रूपों की महिमा
हिन्दू धर्म में नवरात्री उत्सव एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें माँ शक्ति की नौ रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्री नौ देवियों की उपासना के लिए एक विशेष समय है, जिसमें शक्ति के विभिन्न रूपों
Read More ..चैत्र नवरात्री एवं दुर्गा उपासना
चैत्र नवरात्री एवं दुर्गा उपासना
हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्री का महत्व विशेष है। यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है जिसमें लोग माँ दुर्गा की पूजा करते हैं और उनकी उपासना करते हैं। यह उत्सव हिन्दू संस्कृति में महिलाओं का महत्व
Read More ..रामानुजाचार्य जयंती
रामानुजाचार्य जयंती
इस धरती को पुनीत बनाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाले तथा एक महान वैष्णव तथा उत्कृष्ट कोटि के ऐसे अनूठे महान पुरूष महा संत का जन्म धरती में भटक रहे मानवों के ज्ञान के आलोक से सीचने के लिये हुआ था। ऐसे महापुरूषों
Read More ..आद्यगुरू शंकराचार्य जयन्ती
आद्यगुरू शंकराचार्य जयन्ती
भगवान आद्यगुरू शंकराचार्य हिन्दू धर्म के प्राण एवं सर्वोत्कृष्ट स्तम्भ है। जिन्होंने इस धर्म को पुनः व्यापक आधार दिया था। इसके दो पंखों को पुनः मजबूत एवं पुष्ट किया एक पंख जो द्वैतवाद की तरफ दूसरा अद्वैतवाद की तरफ
Read More ..भगवान परशुराम जयन्ती
भगवान परशुराम जयन्ती
हिन्दू धर्म में श्री हरि विष्णू के प्रसिद्ध अवतारों में भगवान परशुराम जी का अवतार धर्म की रक्षा एवं धरती के अत्यारों को मिटाने के लिये इस धर्म धुरी धरा पर त्रेतायुग में हुआ था। भगवान राम एवं परशुराम संवाद आज भी रामलीला
Read More ..अक्षय तृतीया पूजा व्रत एवं उसका महत्व
अक्षय तृतीया पूजा व्रत एवं उसका महत्व
इस धर्म धुरी धरा पर ऋतुओं के क्रम के अनुसार अनेक ऐसे व्रतों का आगमन होता है। जो कि व्यक्ति के जीवन से पापों एवं रोगों को दूर करने के लिये औषधी की तरह होते है। इनके पालन एवं नियम करने से व्यक्ति को रोगों एवं पापों
Read More ..श्री वल्लभाचार्य जयंती
श्री वल्लभाचार्य जयंती
यह भक्ति युगीन काल के आधार स्तम्भ एवं भगवान कृष्ण के परम भक्त थे। यह सगुण ईश्वर के उपासक एवं उसके प्रचारक थे। प्रति वर्ष इसकी जयन्ती को बड़े उत्सव से धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इनका जन्म संवत
Read More ..सती अनुसूया जयन्ती
सती अनुसूया जयन्ती
यह जयन्ती भारतभूमि में नारी धर्म और उसके सहचर की पवित्रता का एक सर्वोत्कृष्ट पर्व है। ऐसी पवित्रता एवं शुचिता कहीं भी खोजने से नहीं प्राप्त हो सकती है। हिमालय की तरह अड़िग रहने वाली भारत की नारियों में पति एवं
Read More ..श्री महावीर जयंती
श्री महावीर जयंती
इस धर्मप्राण धरा में भगवान विविध रूपों में मानव जीवन के कल्याण एवं आत्मबोध के लिये अवतार धारण करते है। जिससे काम, क्रोध एवं मद, मोह, लोभ की आंधी के थेपेड़ो से घायल व्यक्ति को बड़ी ही राहत मिलती है। और कई
Read More ..मत्स्य जयन्ती
मत्स्य जयन्ती
यह हिन्दू धर्म के प्रमुख अवतारों की जयन्ती का पर्व है। धरती पर बढ़ते अत्याचार के विनाश के लिये श्री हरि ने अनेकों को रूपों को धारण किया था। जिसमें में धरती के पालन और उसकी रक्षा तथा धर्म को सुरक्षित करने के लिये भगवान
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