श्री राम नवमी 30 मार्च 2023
Published On : March 14, 2017 | Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant
भगवान श्रीरामः श्रीराम नवमी
मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म भारत वर्ष उत्तर-प्रदेश के अयोध्या नगरी में हुआ था। श्री राम चरित्र मानस में वर्णन आता है कि, राम जन्म के हेतु अनेका। एक ते अधिक एक बड़ एका। अर्थात् भगवान राम के जन्म के अनेकों कारण हैं, जिसमें प्रमुख कारण धर्म की रक्षा, भक्त जनों का कल्याण, देव, गुरू, माता-पिता का सम्मान, रक्षसों का बध व संहार, साधु संतों को दर्शन देना आदि अनेक कारण हैं। भगवान शिव भवानी पार्वती से इस संवाद को बताते है। कि जब धरा पाप के भार से डगमगाने लगी चारों तरफ पाप, अर्धम, अनाचार, भय, पीड़ा, कलह, हिंसा, लोभ का माहौल व्याप्त था। सभी अपने आचार-विचार व धर्म से भ्रष्ट होकर साधु, संतो, माता-पिता, परिवार को सताने हुए नीति व धर्म को छोड़ कर चलने लगे तो इस अधर्म के कारण धारती का सत्य व धर्म का बल नष्ट होने लगा और वह डगमगाने लगी। राक्षसी, निसाचरी प्रवृत्तियां सिर चढ़कर बोलने लगी। रावण कुल के बड़े राक्षसों का राज व्याप्त हो गया। ऐसे विशाल राक्षस जो स्थान-स्थान पर धर्म यज्ञ को नष्ट कर उसका विरोध करने लगे। देवताओं से उनका हक छीनने लगे, इन्द्रादि देवता सभी भयभीत होने लगे। ऐसे में सभी देव समूहों ने धरती से ब्रह्मा जी के पास चलने को कहा। ऐसे में धरती गाय का रूप धारण करके ब्रह्म जी के पास गई और ब्रह्म जी उस देव समूह सहित श्री हरि विष्णु के पास जाकर धरती पर बढ़ते हुए अत्याचारों को कह सुनाया और भगवान से इस कष्ट निवारण हेतु स्वतः अवतार लेने के लिए प्रार्थना करते है और भगवान उनके कष्ट निवारण हेतु शीघ्र ही रामावतार में आने का वचन देते हैं। इससे सभी देव समूह व पृथ्वी प्रसन्न होकर अपने-अपने स्थान को पुनः आते हैं और धरा पर आसुरी शक्तियों के विनास भक्त जनों सहित मानवता के कल्याण हेतु भगवान श्रीराम जी का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि वसंत ऋतु में होता है। जिसे श्रीराम चरित्र मानस में इस प्रकार वर्णित किया गया है- नवमी तिथि मधु मास पुनीता। शुक्ल पक्ष अभिजित हरि प्रीता।
अर्थात् परम हरि श्री विष्णु का जन्म रामावतार में महाराज दशरथ जी के यहां होता है। उससे में प्रकृति का वर्णन गोस्वमी दास जी ने बड़े सुन्दर ढंग से किया है, कि जब भगवान का जन्म हुआ उस समय मध्य दिवस था न तो बहुत सर्दी थी न तो बहुत गर्मी थी अभिजित मुहुर्त अर्थात् बड़ा ही पावन समय था जब भवन का जन्म हुआ। आज ही नवरात्री मे नवदुर्गा पूजन हेतु अपना स्थान सुरक्षित करे |
भगवान राम के द्वारा राक्षसों का वध
भगवान राम के जन्म से सभी को प्रसन्नता तो होती ही है। पर उनके पिता महाराज दशरथ जी को महान सुख होता है, उन्हें परमानन्द प्राप्त होता है। भगवान राम की बालपन की किलकारियों से अयोध्या की भूमि पावन हो जाती है। माता-पिता सहित सभी प्रसन्न होते है। कई तरह की धार्मिक व वैदिक रीतियों का पालन, दान, यज्ञ होते रहते हैं। यथा समय उनके संस्कार होते हैं। क्योंकि वह परम हरि मानव के रूप में अवतार लेकर माता के कहने पर जिस प्रकार समान्य बालक गतिविधियों को करता है, उसी प्रकार रहने लगे। फिर उन्हें गुरू के साथ यज्ञों की रक्षा हेतु वन में जाना पड़ा। वह यज्ञ व धर्म में बाधा डालने वाले राक्षसों का वध कर गुरू के यज्ञों की रक्षा करने लगे। इस प्रकार वह अनेकों राक्षसों को पल भर मे मार कर गुरू के वैदिक यज्ञों की रक्षा करते है, खर, दूषण, त्रिसरा, बालि, जैसे अनेको दुष्ट व भयंकर राक्षसों को भगवान श्री राम अपने भ्राता लक्ष्मण के साथ मार कर भक्तों का कल्याण करते हैं। अजामिल, गीघ, गज, गनिका, सहित कितने अधमों को प्रभु तारते हैं। उनका कल्याण करते हैं। यद्यपि पूरा रामचरित्र मानस उनके चरित्र व जीवन चक्र का अद्वितीय वर्णन है और बड़ा ही रोचक संवाद प्राप्त होता है। भवानी सीता के हरण के बाद उनकी खोज तथा जंगल में सुग्रीव की मित्रता व हनुमान जी से भेट और हनुमान प्रभु जी द्वारा प्रभु श्रीराम ईश्वर की भक्ति और सीता जी का पता लगाना और हनुमान जी द्वारा लंका दहन आदि की कथाएं बड़ी ही कल्याण प्रद हैं। वहां राक्षस कुल में उत्पन्न किन्तु भगवान की भक्ति में लीन भक्त विभीषण की मुलाकात उसे भगवान की शरण में रक्षा प्राप्त होना तथा अंत में दुष्ट रावण का उसके सम्पूर्ण राक्षसी कुल सहित, उसकी सम्पूर्ण सेना का संहार तथा दुष्ट रावण का श्रीराम जी के द्वारा संहार और पुनः सीताराम जी का अयोध्या में आना कई ऐसी कल्याणकारी कथाएं हैं। जिसके श्रवण से रोग, पीड़ाएं, बांधाएं आदि दूर होती है। जीवन में सुख शांति का आगमन होता है। चैत्र नव रात्रि कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं। जिसमें देवी शक्ति की पूजा सहित भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व है। आज ही नवरात्री मे नवदुर्गा पूजन हेतु अपना स्थान सुरक्षित करे |
चैत्र नवरात्री में भगवान राम की पूजा का महत्व
चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को मार्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। भवन राम का दर्शन, पूजन, स्मरण सर्वविधि कल्याण प्रद है। अतः व्यक्ति को स्वकल्याण हेतु वैसे प्रतिदिन भगवान श्री राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए। यदि यह किसी कारण से सम्भव न हो तो चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी अर्थात् चैत्र नवरात्रि में भगवान श्रीराम की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसे चैत्रराम नवमी भी कहा जाता है। भगवान श्री राम की पूजा षोड़षोपचार या पंचोपचार विधि के साथ करना या करवाना चाहिए। पूजन की सभी समाग्री को लेकर इस दिन भगवान के जन्म उपलक्ष्य में उनका तथा भवानी सीता माता सहित भ्राता लक्ष्मण सहित भरत, शत्रुध्न और रामदूत श्री हनुमान जी महाराज की पूजा करते हुए यथा शक्ति राम जन्मोत्सव मनाना चाहिए।
पूजन के पहले
श्रद्धालु भक्तों को पहले नित्यादिक शौचादि क्रियाओं से विधि पूर्वक निवृत्त होकर कुशासन व नेपाली कम्बल का आसन लेकर पूर्वा व उत्तराभिमुख होकर समतल व पवित्र स्थान में बैठकार श्री राम की प्रतिमा व राम दरबार लगाकर, जल, चंदन, वस्त्राभूषण, जनेऊ,सुगन्धित पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, मीठा, फल, विविध पकवान, पान, सुपारी, लौंग, इलायची सहित अर्पित कर प्रार्थना करके उन्हें सष्टांग प्रणाम करना चाहिए तथा ब्रह्मणों को यथा शक्ति दान दक्षिण देकर यथा शक्ति भूखों को भोजन व क्षमता के अनुसार कुछ उनके उपयोग की वस्तुओं को दान देकर सम्पूर्ण पूजा को भगवान श्रीराम जी को अर्पित कर देना चाहिए। इससे संबंधित कर्ता व भक्तों को सभी मनोवांछित फल प्राप्त होते है, उनका श्री राम कल्याण करते हैं। जीवन से रोग, पीड़ाएं, दुखों का अंत होता है। अतः श्री रामनवमी में चैत्र शुक्ल पक्ष में श्रीसीताराम जी पूजा अर्चना अवश्य करना चाहिए। आज ही नवरात्री मे नवदुर्गा पूजन हेतु अपना स्थान सुरक्षित करे |
श्री राम नवमी इस वर्ष 30 मार्च 2023 को मनायी जायेगी
श्री राम नवमी पूजन मुहूर्त : 11:14 to 13:40
समय: 2 घंटे 25 मिनट
विगत वर्षो की भांति पवित्र ज्योतिष केंद्र के विद्वान् पंडितो द्वारा आपके लिए सम्पूर्ण नवरात्र मे विशेष पूजा अर्चना एवं हवन किया जाएगा | आप भी माँ जगत जननी भगवती माता की निश्चित कृपा प्राप्ति हेतु इस विशेष पूजन मे शामिल हो सकते है | आज ही नवरात्री मे नवदुर्गा पूजन हेतु अपना स्थान सुरक्षित करे | पूजन उपरांत आपको आषिका एवं दो मुफ्त उपहार (सिद्ध दुर्गा बीसा यन्त्र एवं सिद्ध दुर्गा बीसा कवच) आपके घर के पते पर भेजे जायेंगे |
पवित्र ज्योतिष केंद्र की तरफ से आपको सपरिवार श्री राम नवमी एवं नवरात्री की ढेरो शुभकामनाये एवं बधाई | मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम एवं भगवती दुर्गा आपकी सभी मनोकामनाए पूर्ण करे |
जय श्री राम
महत्वपूर्ण जानकारी: क्या आप अपने जन्मपत्री मे करियर, व्यवसाय, विवाह, वित्त आदि अनेकानेक जानकारियाँ एवं अपनी समस्याओं का निश्चित समाधान चाहते है, तो पवित्र ज्यातिष केंद्र से संपर्क करे । संपर्क करे ।
यह भी अवश्य पढ़ें: नवदुर्गा का शक्ति पर्व नवरात्री और स्कन्द षष्ठी व्रत और सत्यनारायण व्रत