ज्योतिष सीखिए – एक परिचय
Published On : December 2, 2015 | Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant
दो शब्द मेरे ज्योतिष प्रेमियों के लिए
मेरे प्रिय ज्योतिष प्रेमियों,
नमस्ते!
लम्बे समय से मन मे विचार आ रहा था कि ज्योतिष रुपी ज्ञान को आपसे भी साझा करूँ। आज वह समय आ ही गया । समय के आभाव के कारण जल्दी शुरू नहीं कर पाया, क्षमा चाहता हूँ । संभवतः मेरा प्रयास होगा कि मैं निरंतर कुछ न कुछ ज्योतिष सीखिए से सम्बंधित प्रारम्भ से शुरू कर ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों को आपके सम्मुख वेबसाइट के माध्यम से प्रस्तुत करता रहूँ ।
हमारी ज्योतिष सीखिए की नीव वैदिक ज्योतिष आधारित है । बिना इनके अध्ययन के और इनके गूढ़ सिद्धांतो को समझे इस विषय को ठीक से समझना प्रायः असंभव है । आधुनिक लेखकों की तुलना सिद्ध ऋषियों से करना निरर्थक है । ऐसी परिस्थिति मैं मेरा प्रयास होगा कि आपके सामने शास्त्र सम्मत एवं प्रारंभिक ज्ञान से आगे की एक-एक कड़ी को संकलित करुँ।
समाज का हर घटक, हर प्राणी, अबला, वृद्ध, नर-नारी हर कोई तो अपने इर्द गिर्द के वातावरण को परखना चाहता है । भूत से शिक्षा ग्रहण कर, वर्तमान को सही डगर पर चलकर भविष्य को संवारना-सजाना चाहता है । वह कल के लिए सचेत हो जाना चाहता है ।
एक लम्बे समय से ज्योतिष का कार्य कर रहा हूँ । सैकड़ो, हज़ारो, लाखो जन्म-पत्रिया देखी है । पढ़ना व लिखना मेरी हॉबी है । लम्बी चौड़ी लाइब्रेरी है, विशाल भण्डार है पुस्तकों का, परन्तु पुस्तके प्रायः विद्वानों के लिए लिखी गयी है । जन सामान्य कैसे लाभ उठाये उससे, यह मूल प्रश्न था मेरे सामने ।
मेरा प्रयास होगा कि प्राचीन भारतीय ज्योतिष को सही रूप मे आपके सामने प्रस्तुत करुँ । प्रारंभिक एवं फलित ज्योतिष मे ग्रहो के फल आदि को पाठको को विशेष रूप से समझने का प्रयास करूंगा । ज्योतिष की आवश्यकता आज के युग मे कदम-कदम पर है । शिक्षा, व्यापार, नौकरी,उत्थान-पतन, यात्रा, रोग, मृत्यु, प्रेम, प्रणय सर्वत्र इसका सहारा लिया जा सकता है ।
इस ज्ञान के आधार पर व्यक्ति-विशेष अपने जीवन को वृहद् योजना के अनुसार ढाल सकता है । प्रत्येक मनुष्य के जीवन मैं अनेक कष्टकारी समस्याएं आती है । इन परिस्थियों से होकर व्यक्ति विशेष अपने निर्दिष्ट लक्ष्य की और अग्रसर होता है । परमात्मा की सहृदयता एवम दया मे विश्वास मनुष्य को संकट के समय विशेष भरोसा देता है । दुःखद घटनाओ को पार कर लेने पर ही मनुष्य को और उज्जवल भविष्य का आभास मिलता है । प्रत्येक कष्टकारी समस्या व्यक्ति विशेष के अपने पूर्व कर्मो का ही प्रतिफल होता है जिसका अनुमान मनुष्य की कुंडली से किया जाता है । अपनी कुंडली के द्वारा परमात्मा का निदान ठीक से समझ लेने पर मनुष्य अपने आत्मिक विकास के सोपान पर विश्वासपूर्वक चढ़ सकता है ।
प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसका कर्म सर्वोपरि होता है । सही कर्मो का निर्धारण धार्मिक सिद्धांतो के आधार पर किया जाता है । ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति विशेष अपने पूर्व कर्मो द्वारा संचालित शक्ति स्रोतों का अनुमान ही लगा सकते है । इसके अनुसार अपने दैनिक जीवन को नियंत्रित करना मनुष्य की स्वेछा पर निर्भर करता है । ज्योतिष के ज्ञान का एक मुख्य उद्देश्य पूर्व कर्मो के प्रतिफल को जानकर अपने जीवन को धार्मिक मार्ग पर ले जाना है । इसी उदेश्य से ज्योतिष सीखिए पाठ्यक्रम को वेबसाइट मे प्रकाशित कर रहा हूँ । यदि पाठकगण को अच्छा लगे तो ,तब मै अपने को कृतार्थ तथा सफल समझूंगा ।
अंत मे यह कहना चाहूंगा कि कंप्यूटर की सुविधा मिलने के कारण पाठको या विद्यार्थियों को गणित, खगोल आदि के गहन अध्ययन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती । प्रत्येक पाठक या विद्यार्थी का मुख्य ध्यान फलित ज्योतिष एवं उपाय पर होता है, तदनुसार ही हमारे द्वारा प्रयास किया गया है । आशा है आप ज्योतिष विद्या का गहन अध्ययन कर समुचित ज्ञान प्राप्त करेंगे । आशा है आप अवश्य पसंद करेंगे ।
शुभेच्छु,
आपका अपना
पं उमेश चंद्र पंत
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