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2025 अक्षय तृतीया : शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का अद्भुत पर्व

Published On : April 29, 2025  |  Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant

अक्षय तृतीया: अबूझ मुहूर्त का महत्व

अक्षय तृतीया को हिन्दू संस्कृति में एक अत्यंत शुभ और अबूझ मुहूर्त माना जाता है। अर्थात् इस दिन किए गए कार्य कभी निष्फल नहीं होते और उनका प्रभाव चिरस्थायी रहता है। उदाहरण के लिए विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय आरंभ या संपत्ति खरीदने जैसे मांगलिक कार्य इस दिन बिना पंचांग देखे भी किए जा सकते हैं।

शुभ कार्यों का विशेष महत्व अक्षय तृतीया पर

1. विवाह और गृह प्रवेश: अतः इस दिन विवाह संस्कार, गृह प्रवेश और नए कार्यों का शुभारंभ अत्यंत फलदायक माना जाता है।
2. वस्त्र और आभूषण धारण: इसी वजह से नवीन वस्त्र एवं आभूषण पहनना सौभाग्यवर्धक होता है।
3. संपत्ति और वाहन खरीदारी: इसलिए इस दिन खरीदी गई संपत्ति, वाहन या अन्य बहुमूल्य वस्तुएं दीर्घकालीन समृद्धि का संकेत देती हैं।
4. संस्था और समाज की स्थापना: इस कारण से नई संस्था या सामाजिक संगठनों की शुरुआत भी इस दिन शुभ मानी जाती है।

अक्षय तृतीया पर दान और पुण्य का विशेष महत्व

अक्षय तृतीया के दिन दान करना अक्षय फल देने वाला बताया गया है। खासकर:

1. जल से भरे पात्र, छाता और पंखा दान करना विशेष पुण्यकारक है।
2. जौ और चावल का दान भी अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।
3. पानी की प्याऊ लगवाना भी इस दिन के प्रमुख पुण्य कार्यों में शामिल है।

पितरों का तर्पण और गंगा स्नान का महत्व

1. तर्पण और पिण्डदान: पितरों के निमित्त तर्पण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
2. गंगा स्नान और भगवत पूजन: इस दिन गंगा स्नान करना, तीर्थ जल का प्रयोग करना और भगवान विष्णु की आराधना से समस्त पापों का क्षय होता है।

जप, तप, हवन और स्वाध्याय का अक्षय फल

अक्षय तृतीया पर किया गया:

1. जप, तप, स्वाध्याय और हवन कई गुना फल देता है।
2. यह पुण्य कर्म न केवल वर्तमान जीवन को संवारता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी भाग्यशाली बनाता है।

ब्राह्मण भोजन और ईश्वर से क्षमा-याचना

1. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति दिलाता है।
2. ईश्वर से क्षमा-याचना कर अपने दोषों का प्रायश्चित करना और सद्गुणों की याचना करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

स्वर्ण खरीदारी और ग्रहों की शुभता

1. स्वर्ण की खरीदारी: इस दिन स्वर्ण खरीदने से देवी लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ सूर्य और गुरु ग्रह भी बलवान होते हैं।
2. नए कार्यों की शुरुआत: अक्षय तृतीया को ‘मुहूर्तों की जननी’ कहा जाता है, अतः इस दिन नए व्यापार या उपक्रम का शुभारंभ अत्यधिक फलदायक होता है।

विष्णु अवतरण और परशुराम जयंती का विशेष संयोग

अक्षय तृतीया का दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती का भी प्रतीक है। साथ ही, भगवान विष्णु के अवतरण का पावन अवसर इसे और भी विशेष बना देता है, जिससे इस तिथि का धार्मिक महत्व बढ़ जाता है।

2025 में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व

यह दुर्लभ अवसर शुभ कार्य, दान, पूजन और तप के माध्यम से चिरस्थायी समृद्धि, सौभाग्य और पुण्य प्राप्त करने का अद्भुत समय है। इस खास दिन का भरपूर लाभ उठाते हुए अपने जीवन को धन, शांति और सद्गुणों से भरपूर बनाना शुभ फलदायी रहेगा।

शुभ मुहूर्त की जानकारी

अक्षय तृतीया 2025 शुभ मुहूर्त
तिथि: 30 अप्रैल 2025, बुधवार
पूजा मुहूर्त: प्रातः 05:40 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक (लगभग)

इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी, निवेश, विवाह और पूजा जैसे सभी कार्य करना अत्यंत शुभफलदायी रहेगा। अक्षय तृतीया का दिन स्वयं में ही अबूझ मुहूर्त माना जाता है।

अक्षय तृतीया 2025: आपके सबसे जरूरी सवालों के जवाब

प्रश्न: अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त क्यों कहा जाता है?

उत्तर: अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन हर घड़ी शुभ मानी जाती है। किसी भी शुभ कार्य, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार या संपत्ति खरीदने के लिए विशेष पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। यह तिथि स्वयं में सौभाग्य और सफलता का प्रतीक है।

प्रश्न: 2025 में अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त क्या रहेगा?

उत्तर: अक्षय तृतीया पूजा 2025 पर शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल 2025 को प्रातः 05:40 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक रहेगा। इस समयावधि में किसी भी प्रकार का पूजन, निवेश, खरीदारी या मांगलिक कार्य करना अत्यंत लाभकारी और चिरस्थायी शुभ फल प्रदान करेगा।

प्रश्न: अक्षय तृतीया पर कौनसे दान करने चाहिए?

उत्तर: अक्षय तृतीया पर जल से भरे घड़े, छाता, वस्त्र, अन्न, चना, जौ, चावल, घी, फल, स्वर्ण और चांदी का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा, गायों को चारा खिलाना और गरीबों को भोजन कराना अक्षय पुण्य की प्राप्ति कराता है।

प्रश्न: अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने का क्या महत्व है?

उत्तर: अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदना देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का प्रमुख साधन माना जाता है। इस दिन खरीदा गया स्वर्ण जीवन में स्थायी समृद्धि, सौभाग्य और आर्थिक उन्नति का प्रतीक बनता है। साथ ही, सूर्य और बृहस्पति ग्रह की शुभता भी बढ़ती है।

प्रश्न: अक्षय तृतीया के दिन कौनसे शुभ कार्य करना लाभकारी रहते हैं?

उत्तर: अक्षय तृतीया पर विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार आरंभ, संपत्ति या वाहन की खरीदारी, स्वर्णाभूषण धारण, दान-पुण्य, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का पूजन, जप-तप और ब्राह्मण भोजन जैसे कार्य करना विशेष रूप से शुभफलदायी माना जाता है।

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