हिन्दी

मां महागौरी के बारे मे

Published On : April 2, 2025  |  Author : Astrologer Pt Umesh Chandra Pant

मां महागौरी की पूजा: नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व

नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की पूजा की जाती है। यह देवी शांति, करुणा, सौंदर्य और पवित्रता की प्रतीक हैं। महागौरी का स्वरूप पूर्णतः उज्जवल, चंद्रमा के समान चमकदार और दिव्य होता है। इनकी पूजा से जीवन के पापों का क्षय होता है और सुख, शांति, शुद्धता और वैवाहिक सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मां महागौरी की कथा, स्वरूप और महिमा के बारे में…

मां महागौरी का परिचय

मां महागौरी का नाम उनके अत्यंत उज्जवल गौर वर्ण के कारण पड़ा। ‘महागौरी’ का अर्थ है – अत्यंत गोरी या श्वेतवर्णा। इनका यह रूप तपस्या के पश्चात प्रकट हुआ था, जब देवी पार्वती ने गहन तपस्या से अपने काले पड़ चुके शरीर को गंगा जल से स्नान कर पुनः दिव्य गौर वर्ण प्राप्त किया।

यह देवी सौम्यता, करुणा और दिव्यता का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से साधक को मानसिक शांति, पवित्रता और वैवाहिक सुख प्राप्त होता है।

पौराणिक कथा: तप से गौरवर्ण प्राप्त करना

कथा अनुसार, जब मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की, तो उनकी त्वचा धूप, वर्षा और धूल से काली हो गई। तप के अंत में जब भगवान शिव प्रसन्न हुए, तब गंगा ने उन्हें स्नान कराया और उनका रूप अत्यंत गोरा, तेजस्वी और दिव्य हो गया।

तभी से वे महागौरी नाम से प्रसिद्ध हुईं। यह देवी दर्शाती हैं कि तप, भक्ति और धैर्य के फलस्वरूप साधक को आत्मशुद्धि और दिव्यता प्राप्त होती है।

मां महागौरी का स्वरूप

मां महागौरी का रंग श्वेत (सफेद) होता है।
ये सांद्र करुणा और सौंदर्य की प्रतिमूर्ति होती हैं।
उनके चार हाथ होते हैं – एक में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरा वर मुद्रा और चौथा अभय मुद्रा में होता है।
ये वृषभ (बैल) पर सवार रहती हैं।
वस्त्र और आभूषण भी श्वेत होते हैं, जो शुद्धता और शांति का प्रतीक हैं।

मां महागौरी की उपासना का महत्व

मां महागौरी की पूजा से जीवन की समस्त अशुद्धियां, पाप और मानसिक क्लेश समाप्त होते हैं। जिन स्त्रियों की वैवाहिक जीवन में कलह या संतान संबंधी समस्या हो, उनके लिए यह देवी विशेष फलदायिनी हैं।

इनकी कृपा से मानसिक और शारीरिक पवित्रता, सौंदर्य, करुणा, दाम्पत्य सुख, समृद्धि और संतोष की प्राप्ति होती है। जीवन में आने वाली बाधाएं शीतलता और माधुर्य में परिवर्तित हो जाती हैं।

मां महागौरी का मंत्र

ॐ देवी महागौर्यै नमः।
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुभा।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

FAQs: मां महागौरी पूजा से जुड़े प्रश्न

1. नवरात्रि के आठवें दिन किस देवी की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो सौंदर्य, शांति और करुणा की प्रतीक हैं।

2. मां महागौरी का नाम क्यों पड़ा?
गौर वर्ण (श्वेत त्वचा) के कारण उन्हें महागौरी कहा गया, जिसका अर्थ है अत्यंत गोरी।

3. मां महागौरी का स्वरूप कैसा होता है?
इनका रंग श्वेत होता है, चार हाथ होते हैं और ये वृषभ (बैल) पर सवार रहती हैं।

4. मां महागौरी की पूजा से क्या लाभ होता है?
इनकी पूजा से पापों का क्षय होता है, मानसिक शांति, वैवाहिक सुख और पवित्रता मिलती है।

5. पौराणिक कथा में महागौरी का गौर वर्ण कैसे प्राप्त हुआ?
कठिन तपस्या के बाद गंगा स्नान से देवी पार्वती ने पुनः गौर वर्ण प्राप्त किया और महागौरी कहलाईं।

6. मां महागौरी किन समस्याओं को दूर करती हैं?
विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन की कलह और संतान संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं।

7. मां महागौरी की पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?
यह पूजा आत्मशुद्धि, सौंदर्य, करुणा और समृद्धि की प्राप्ति हेतु विशेष फलदायी मानी जाती है।

यह भी पढ़ना न भूलें:
मां सिद्धिदात्री के बारे मे और मां शैलपुत्री के बारे मे और मां ब्रह्मचारिणी के बारे मे 

Blog Category

Trending Blog

Recent Blog


TRUSTED SINCE 2000

Trusted Since 2000

MILLIONS OF HAPPY CUSTOMERS

Millions Of Happy Customers

USERS FROM WORLDWIDE

Users From Worldwide

EFFECTIVE SOLUTIONS

Effective Solutions

PRIVACY GURANTEED

Privacy Guaranteed

SAFE SECURE

Safe Secure

© Copyright of PavitraJyotish.com (PHS Pvt. Ltd.) 2025